tag:blogger.com,1999:blog-7832764442453299899.post4851971304679057148..comments2023-11-05T00:54:02.779-07:00Comments on साझा मंच: जंतर-मंतर पर अन्ना हजारेतेजवानी गिरधरhttp://www.blogger.com/profile/14373579732591050418noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7832764442453299899.post-13379146798581286042011-05-09T22:03:54.743-07:002011-05-09T22:03:54.743-07:00vyangya me wo khasiyat hoti hai...jo bura bhi nahi...vyangya me wo khasiyat hoti hai...jo bura bhi nahi lagta par sab kuchh kah jate hain...sach me aisa hi ho raha hai..!!Mukesh Kumar Sinhahttp://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7832764442453299899.post-22561084791959545132011-05-07T08:31:49.717-07:002011-05-07T08:31:49.717-07:00बहुत सुंदर अभिव्यक्ति!आज भ्रष्टाचार की शिकायत करने...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति!<br><br>आज भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर आपके सारे काम रोक दिए जाते हैं और आपको सारे भ्रष्टाचारी एकत्रित होकर आपका शोषण करने लग जाते हैं. ऐसा मेरा अनुभव है, अभी 5 मई 2011 को तीस हजारी की लीगल सैल में मेरे साथ बुरा बर्ताव हुआ और सरकारी वकील ने जान से मारने की धमकी पूरे स्टाफ के सामने दी थीं, क्योंकि इन दिनों बीमार चल रहा हूँ. इसलिए फ़िलहाल इसकी उच्च स्तर पर शिकायत करने में असमर्थ हूँ. लेकिन भ्रष्टाचारियों के हाथों मरने से पहले 10-20 भ्रष्टों को लेकर जरुर मरूँगा. आप सभी को यह मेरा वादा है. सरकारी वकील की शिकायत क्यों करनी पड़ी इसको देखने के लिए उसका लिंक <a href="http://sach-ka-saamana.blogspot.com/" rel="nofollow">प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से</a> देखे. अगर मुझे थोडा-सा साथ(ब्लॉगर भाइयों का ही) और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ क्योंकि अपने 17 वर्षीय पत्रकारिता के अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ कि-अब प्रिंट व इलेक्टोनिक्स मीडिया में अब वो दम नहीं रहा. जो उनकी पहले हुआ करता हैं. लोकतंत्र के तीनों स्तंभ के साथ-साथ चौथे स्तंभ का भी नैतिक पतन हो चुका है. पहले पत्रकारिता एक जन आन्दोलन हुआ करती थीं. अब चमक-दमक के साथ भौतिक सुखों की पूर्ति का साधन बन चुकी है. यानि पत्रकारिता उद्देश्यहीन होती जा रही है.<br><br>श्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार <a href="http://rksirfiraa.blogspot.com/" rel="nofollow">आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें</a> हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.<br><br>हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.<a href="http://rksirfiraa.blogspot.com/" rel="nofollow">आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें</a>रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"http://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.com