गुरुवार, 8 सितंबर 2011

कहाँ गए वो लोग


कहाँ गए वो लोग
जो पराये दर्द में भी
रोते थे
अपनों से ज्यादा
अपने होते थे
हर नाज़ नखरा
उठाते थे
निरंतर हिम्मत और
सहारा देते थे
खुद ग़मों के
दरिया में बहते थे
दूसरों को हंसाते थे
परायों को अपना
कहते
किनारे पहुंचाते
खुद डूब जाते थे
मोहब्बत से सरोबार
होते थे
खुद से ज्यादा
दूसरों के लिए
डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर"
(डा. राजेंद्र तेला निरंतर पेशे से दन्त चिकित्सक हैं। कॉमन कॉज सोसाइटी, अजमेर के अध्यक्ष एवं कई अन्य संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। समाज और व्यक्तियों में व्याप्त दोहरेपन ने हमेशा से उन्हें कचोटा है । अपने विचारों, अनुभवों और जीवन को करीब से देखने से उत्पन्न मिश्रण को कलम द्वारा कागज पर उकेरने का प्रयास करते हैं। गत 1 अगस्त 2010 से लिखना प्रारंभ किया है।) उनका संपर्क सूत्र है:-
rajtelav@gmail.com
www.nirantarajmer.com
www.nirantarkahraha.blogspot.com

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