इसी श्रंखला में अब चर्चा है कि मानसून ने इस बार कहीं रेन फिक्सिंग तो नहीं कर ली है। इस बारे में और अधिक जानकारी सीबीआई की जांच से ही पता लगेगी, अगरचे वह वर्षा बोर्ड, जिसके अध्यक्ष इन्द्र और सचिव वरुण देवता हैं, से इस बारे में पूछताछ करें। कहा तो यहां तक जा रहा है कि स्वयं इन दोनों देवताओं को ही पता नही हैं कि इस वर्ष मानसून का आगमन कब और कहां-कहां होगा। तभी तो इनके नुमाइन्दे-मौसम विभाग वाले कभी कुछ कहते है, कभी कुछ कहते हैं। कई बार तो इनकी भविष्यवाणियों से उलट बात घटित होती है। ऐसा लगता है कि वर्षा बोर्ड और मौसम विभाग में ही आपस में पटती नहीं है। विशेषज्ञों का ख्याल है कि जिस तरह बालीबुड की नूपुर मेहता को बुला कर क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग की जांच का नाटक किया गया, वैसे ही इन्द्र के दरबार की अपसराओं-मेनका, रम्भा और उर्वषी इत्यादि- को बुला कर जांच नहीं तो कम से कम जांच का नाटक तो किया जाए। कुछ को तिहाड़ जेल भिजवाया जाए। भले ही वह बाद में एक एक करके सब छूट जाएं। जनता का क्या, वह तो थोड़े दिन बाद जैसे टूजी स्पैक्ट्रम, कामन वैल्थ गेम्स, आदर्श सोसाइटी आदि घोटालों को भूल रही है, यह भी भूल जायगी।
इ. शिव शंकर गोयल
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