आदरणीय बन्धुओ, संस्थाओं, मंदिर/मस्जिद/गुरुद्वारों के पदाधिकारियों,
आप सभी को विदित है कि फरवरी 2016 में रेल बजट आने वाला है। सभी संस्थाएं व जागरूक बन्धु जनता की सहूलियत हेतु अपने-अपने सुझाव रेल मंत्रालय को भेजते हैं। अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जन चेतना समिति, नाका मदार, अजमेर ने जनता के हितार्थ समय-समय पर विभिन्न बिन्दुओं पर रेल प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है और रेल प्रशासन ने उन सुझावों पर कार्यवाही भी की है।
पुन: रेल प्रशासन के ध्यान में विभिन्न बिन्दु लाने की आवश्यकता है, जिन पर कार्यवाही करने से जनता को काफी सहूलियतें मिलने की उम्मीद हैंं।
हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अजमेर की रेल आवश्यकताओं पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे, जयपुर के जनरल मैनेजर सहित अजमेर मंडल रेल प्रबंधक, रेल मंत्री, चेयरमैन रेलवे बोर्ड तक अपने सुझाव भेजें। कुछ ही माह बाद फरवरी में रेल बजट आने वाला है, यदि अभी ही सुझाव नहीं भेजे गए तो रेल बजट में उन प्रस्तावों का समावेश किया जाना सम्भव नहीं होगा:
1. गत रेल बजट 2015 में गुलाब बाड़ी रेल फाटक पर ओवर ब्रिज बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी (देखें अजयमेरु टाइम्स 1 एवं 16 मार्च 2015 अंक), इस कार्य हेतु बजट आवंटन की मांग की जाय व इस कार्य को शीघ्र प्रारम्भ कराने हेतु पुरजोर मांग की जाय।
2. अजमेर रेलवे स्टेशन का द्वितीय निकास द्वार पाल बीचला की तरफ बनाने की योजना अजमेर विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इससे अजमेर की आधी आबादी को लाभ होगा और मेन स्टेशन रोड पर ट्रैफिक भी कम होगा। यह योजना जनता को सहूलियत तो प्रदान करेगी ही, प्रशासन के लिए भी स्टेशन रोड पर ट्रै्रफिक की समस्या का निदान निकालेगी। यह बड़ी योजना है जिसमें रेलवे के साथ-साथ अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर निगम आदि सभी की भागीदारी होगी। इस योजना में भूमि अधिग्रहण कर रोड चौड़ा भी करना होगा अत: इसके लिए भारी जोर लगाने की आवश्यकता है। अन्यथा इस कार्य पर सभी विभाग कार्य करने से दूर ही रहने का प्रयास करेगें। इसके लिए सांसद व जन प्रतिनिधियों पर भी विशेष जोर दिया जाना आवश्यक है।
3. मदार रेलवे स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के साथ इसका विस्तार भी किया जाए, ताकि भविष्य में अजमेर मुख्य स्टेशन का भार कम किया जा सके। यदि मदार स्टेशन का विकास नहीं किया तो अजमेर को नई रेलगाडिय़ां मिलना मुश्किल हो जाएंगी। मुख्य स्टेशन पर स्थान की कमी के कारण पिटलाइनों का नितांत अभाव है, अत: मदार स्टेशन पर इस कार्य की योजना बनाई जानी आवश्यक है। अजमेर रेलवे स्टेशन पर जगह की कमी के कारण गत वर्ष रेल बजट में अजमेर को एक भी नई ट्रेन नहीं दी गई। स्मार्ट सिटी के परिप्रेक्ष्य में मदार स्टेशन का विस्तार व विकास अत्यन्त आवश्यक है। इस स्टेशन के विकास हेतु भूमि भी बहुतायत से उपलब्ध है, अत: इस स्टेशन हेतु दीर्घकालीन योजना बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए अजमेर के दोनों सांसद महोदय से विशेष अनुरोध किया जाना चाहिए।
4. अजमेर अन्तर्राष्ट्र्रीय धर्म नगरी है। यहां पुष्कर तीर्थ व ख्वाजा साहब की दरगाह सहित अनेक पवित्र स्थान हैं, जहां देश से ही नहीं विदेश से भी लाखों धर्म पे्रमी बन्धु निरंतर आते हैं। यहां दो-दो अन्तर्राष्ट्रीय मेले- पुष्कर व ख्वाजा सहाब, भरते हैं। अजमेर का मथुरा व सोमनाथ धर्मनगरों से सीधा सम्पर्क नहीं है। एक धर्म नगरी का दूसरी धर्म नगरी के साथ सीधा सम्पर्क होना आवश्यक है। इस सिलसिले में अजमेर को सोमनाथ व मथुरा से सीधे जोडऩे के क्रम में दिल्ली-राजकोट ट्रेन को सोमनाथ तक तथा इलाहबाद-जयपुर ट्रेन को अजमेर तक बढ़ाया जाना आवश्यक है।
5. अजमेर व श्री महावीरजी के बीच तीन ट्रेनें हैं (अजमेर-पटना जियारत एक्सप्रेस, उदयपुर-सियालदाह अनन्या एक्सप्रेस, रांची-अजमेर एक्सप्रेस), जिनका ठहराव श्री महावीरजी स्टेशन पर नहीं है। अनेक अवसरों पर रेल सलाहकार समिति सदस्यों के साथ सम्पन्न मीटिंगों में इसकी मांग उठी है, परन्तु सफलता नहीं मिल सकी है। उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर सहित अनेक नगरों से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री प्रतिदिन श्री महावीरजी जाते हैं, परन्तु इन ट्रेनों का ठहराव न होने से उन्हें भारी असुविधा होती है।
6. अजमेर नगर के हर कोने में रेलवे की सम्पत्तियां मौजूद हैं अर्थात किसी भी कोने से निकल जाएं, रेलवे का वजूद वहां मिलेगा। ऐसे में यदि रेलवे द्वारा उस स्थान की संभाल नहीं की जाती है तो शहर की सुन्दरता पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसा ही एक क्षेत्र राजा साइकिल चौराहा है, जहां ओवर ब्रिज का निर्माण हुआ है। इसके निर्माण के बाद रेलवे की काफी भूमि लावारिस जानवरों व शरारती तत्वों का अड्डा बनकर रह गई है। रेलवे पर दबाव बनाया जाए कि इस भूमि हेतु कोई योजना बनाकर इसे सुन्दर पार्क का रूप दिया जाए या अन्य जनोपयोगी कार्य हेतु विकसित किया जाए।
7. एयरपोर्ट शटल चलाई जाए- अजमेर एयरपोर्ट को जयपुर (सांगानेर) से जोडऩे के लिए एक एयरपोर्ट शटल चलाई जाये, ताकि जो व्यक्ति अजमेर, पुष्कर, दरगाह विजिट करना चाहते हैं, वे सीधे जयपुर से इस शटल के माध्यम से अजमेर आ सकें। यह रेलवे ट्रैक लगभग 120 किलोमीटर का होगा, जिसमें 100 किलोमीटर ट्रैक पहले से तैयार है। इस रेल ट्रैक को जयपुर मेन स्टेशन से जोडऩे की आवश्यकता नहीं है। विदित हो कि अजमेर एयरपोर्ट दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े एयरपोर्ट से ही जुड़ पाएगा, अन्य नगरों के लिए उसे जयपुर एयरपोर्ट का ही उपयोग करना होगा। अत: एयरपोर्ट शटल के माध्यम से अजमेर एयरपोर्ट का जयपुर से कनेक्शन होने पर यात्रियों को भारी लाभ होगा।
8. अहमदाबाद-आगरा फोर्ट ट्रेन सं. 12548 अजमेर से आगरा फोर्ट की तरफ रात्रि 2.10 पर रवाना होती है। अजमेर के तीर्थ यात्रियों/जायरीनों व जनता के लिए यह गाड़ी अत्यन्त उपयोगी तो है परन्तु इसकी रवानगी का समय यदि रात्रि 11.50 किया जाए तो यह अत्यन्त उपयोगी होगी और रेलवे को भी भारी ट्रेफिक प्राप्त कराएगी। पूर्व डी आर एम श्री मनोज सेठ द्वार इसके लिए रिवाइज्ड टामइ टेबल बनाया गया था और उसे पत्र के माध्यम से जयपुर डिवीजनल हैड क्वाटर भेजा गया था। परन्तु यह कार्य आगे नहीं बढ़ सका। यह टे्रन अजमेर के लिए बहुत उपयोगी व महत्वपूर्ण टे्रन है जिसके समय में बदलाव होने से जनता का भारी सुविधा प्राप्त होगी।
-एन.के. जैन,
जन सम्पर्क प्रभारी
अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जन चेतना समिति,
नाका मदार, अजमेर मो. 9414004270